हम चुप है कि खलल न पड़े चुप्पी में आप चुप हैं कि सब कुछ कहा जा चुका है वे चुप हैं कि जवाब देने के लिए उनके पास कुछ नहीं आओ बातें कर लें इस बारे में जिसे लेकर हम इतने लंबे समय तक चुप रहे
हिंदी समय में व्याचेस्लाव कुप्रियानोव की रचनाएँ